सरकार का ये फैसला बेतुका और जल्दबाजी में लिया गया लग रहा है । ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भ्रष्ट अधिकारियों एवं एवं स्मार्ट कार्ड में फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ चिकित्सको की सजा आम जनता को मिल रही है । अभी रायपुर के एक दंत चिकित्सक द्वारा फ़र्ज़ी इलाज का मामला सामने आया था जिसकी वजह से इस लूट खसोट की पोल खुली थी लेकिन ये भी सोचने वाली बात है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के इतने दिनों तक फर्ज़ीवाड़ा नही किया जा सकता है । सरकार को इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए । इस फैसले से आम जन मानस पे क्या प्रभाव पड़ेगा इसके बारे में सोचना चाहिए था । अगर इस प्रकार का फैसला लागू ही करना है तो सर्वप्रथम सरकार को हर PHC में दंत चिकित्सक की बहाली करनी चाहिए और सभी अस्पतालों को दंत चिकित्सा से जुड़े अत्याधुनिक उपकरण से युक्त करना चाहिए । इतने बड़े राज्य में सिर्फ एक शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय है उसमे भी पीजी की पढ़ाई की सुविधा नही है और डॉ अम्बेडकर अस्पताल में गिनती के दंत चिकित्सक हैं , अब आप ही बताइए कि गरीब जनता के लिए ये कितनी परेशानी की बात है कि इतनी दूर जा के अपना इला...
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