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समय आ गया है कि सभी संकाय के छात्र एक साथ एक दूसरे के लिये आगे आएं

चाहे कोई भी संकाय हो विश्विद्यालय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पे तुला है इसलिए अब समय आ गया है कि सभी संकाय के छात्र एक साथ एक दूसरे के लिये आगे आएं ।

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विश्वविद्यालय को डर था कि अगर उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रति छात्रों की दे दी गयी तो इनकी पोल खुल जाएगी - आज कानून का डंडा भी इनके उपर चल गया

भगवान के घर देर है अंधेर नहीं । आयुष विश्विद्यालय छात्रसंघ और अ.भा.वि.प. पिछले करीब दो सालों से लगातार विश्विद्यालय से ये मांग कर रहा है कि सभी छात्रों को उनके अनुरोध पे RTI के तहत उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रति प्रदान करे , इसके लिए कई आंदोलन भी किये गए लेकिन लगातार विश्विद्यालय इस से इंकार करते रहा क्योकि विश्वविद्यालय को डर था कि अगर उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रति छात्रों की दे दी गयी तो इनकी पोल खुल जाएगी । आज कानून का डंडा भी इनके उपर चल गया । माननीय न्यायालय का एम डी  एस के छात्रों के सन्दर्भ में उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रति प्रदान करने का निर्देश देना आज आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति एवं पूरे विश्वविद्यालय के उपर करारा तमाचा है । छात्रसंघ एवं अ.भा.वि.प. माननीय न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले है स्वागत करती है ।अभी भी वक्त है कुलपति जी संभल जाइए और अपनी तानाशाही नीतियों से छात्रों का शोषण करना बंद कीजिये । विश्विद्यालय छात्रसंघ और अ.भा.वि.प. आपसे मांग करती है कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए सभी संकायों के छात्रों को उनके अनुरोध पे उत्तर पुस्तिकाओं की अभिप्रमाणित छायाप्रति उप

आयुष विश्वविद्यालय में ये कहावत हो गई सच 'आप लिखे खुदा बांचे' वार्षिक परीक्षा में बंटे हस्त लिखित पेपर..

आयुष विश्वविद्यालय में ये कहावत हो गई सच 'आप लिखे खुदा बांचे' वार्षिक परीक्षा में बंटे हस्त लिखित पेपर.. Published: by Supers Administrator रायपुर : अभी हाल ही में 12वी परीक्षा पेपर लीक का मामला थमा नहीं की उससे मिलता जुलता मामला रायपुर के आयुष विश्वविद्यालय में देखने को मिला जिसमें  3rd सेमेस्टर बीएएमएस  के छात्रों को हस्त लिखित पेपर बांट दिया गया और हैरान कर देने वाली बात यह है की यह कोई आन्तरिक परीक्षा नहीं बल्कि वार्षिक परीक्षा थी जिसमें विश्वविद्यालय दवारा यह कार्य किया गया. हस्त लिखित पेपर की वजह से छात्र पूरे 3 घंटे परेशान हुए लेकिन विश्वविद्यालय दवारा कोई कार्यवाही नहीं की गई. इस विषय पर INH न्यूज़ संवाददाता ने कुलपति से प्रश्न किया जिसके जवाब में भडके कुलपति ने यह कह दिया हम जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है ये पूरा मामला राजधानी के आयुष विवि का है..दरसअल अभी प्रदेश के विभिन्न आयुर्वेदिक कॉलेजो में छात्रों के वार्षिक परीक्षाए चल रही है..इसी कड़ी में बीएएमएस के 3rd सेमेस्टर के छात्रों को उस वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ा जब उन्हें रोग निदान विषय का पर्चा हाथों से लिखा

स्मार्ट कार्ड में फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ चिकित्सको की सजा आम जनता को

सरकार का ये फैसला बेतुका और जल्दबाजी में लिया गया लग रहा है । ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे भ्रष्ट अधिकारियों एवं एवं स्मार्ट कार्ड में फर्जीवाड़ा करने वाले कुछ चिकित्सको की सजा आम जनता को मिल रही है । अभी रायपुर के एक दंत चिकित्सक द्वारा फ़र्ज़ी इलाज का मामला सामने आया था जिसकी वजह से इस लूट खसोट की पोल खुली थी लेकिन ये भी सोचने वाली बात है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के इतने दिनों तक फर्ज़ीवाड़ा नही किया जा सकता है । सरकार को इस पूरे प्रकरण में अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी  चाहिए । इस फैसले से आम जन मानस पे क्या प्रभाव पड़ेगा इसके बारे में सोचना चाहिए था । अगर इस प्रकार का फैसला लागू ही करना है तो सर्वप्रथम सरकार को हर PHC में दंत चिकित्सक की बहाली करनी चाहिए और सभी अस्पतालों को दंत चिकित्सा से जुड़े अत्याधुनिक उपकरण से युक्त करना चाहिए । इतने बड़े राज्य में सिर्फ एक शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय है उसमे भी पीजी की पढ़ाई की सुविधा नही है और डॉ अम्बेडकर अस्पताल में गिनती के दंत चिकित्सक हैं , अब आप ही बताइए कि गरीब जनता के लिए ये कितनी परेशानी की बात है कि इतनी दूर जा के अपना इलाज कर