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प्रदेश का एकमात्र स्वास्थ्य विश्विद्यालय खुद संविदा के स्टाफ से चल रहा है

 01/06/2017 के दैनिक भाष्कर में छपी ये रिपोर्ट है जिसमे कहा गया है कि कॉपी चेक करने के लिए योग्य शिक्षक की कमी है जबकि वास्तविकता में बात कुछ और है । कमी अनुभवी शिक्षकों की नही बल्कि विश्वास और भरोसे की है । विश्वविद्यालय के उच्च पदाधिकारियों को लगता है कि सिर्फ वही लोग छत्तीसगढ़ में योग्य हैं और थोड़ी बहुत योग्यता उनमे है जो इनके आगे पीछे चक्कर लगाते रहते हैं । सच्चाई ये है कि विश्वविद्यालय प्रसाशन प्राइवेट कॉलेज के किसी भी शिक्षकों से कॉपी चेक करवाना नही चाहता जबकि प्रदेश के कई निजी महाविद्यालयों में सरकारी महाविद्यालयों से अधिक योग्य शिक्षक हैं । अगर विश्वविद्यालय प्रसाशन अपने अहम को अलग रख कर छात्रों के हित मे सोचे तो इस समस्या को हल होने में हफ्ते भर का समय भी नही लगेगा ।
इसी खबर के एक हिस्से में हमारे विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ के एल तिवारी सर का बयान है कि रिजल्ट निकलने में कभी कभी देरी हो जाती है जबकि सच्चाई ये है कि विश्वविद्यालय के आज तक के इतिहास में एक दो बार ही सही समय पे रिजल्ट आया है । उनको शर्म आनी चाहिए ऐसी बयानबाजी करते हुए । यहाँ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और विश्विद्यालयय अपनी मजबूरी गिना रहा है । जहां तक स्टाफ की बात है विश्विद्यालय में सिर्फ 2 या 3 स्टाफ रेगुलर हैं और बाकी सब संविदा वाले । जिस प्रदेश का एकमात्र स्वास्थ्य विश्विद्यालय खुद संविदा के स्टाफ से चल रहा है वो क्या किसी दूसरे महाविद्यालय पे उंगली उठायेगा । इन सब वजहों से अगर किसी का नुकसान हो रहा है तो वो हैं यहां पढ़ने वाले छात्र । शासन को यथाशीघ्र कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है नही तो मजबूरी में छात्रों को शासन के खिलाफ ठोस कदम उठाना पड़ेगा ।























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Sauravkumarprabhat
Bhavna Sapre Esliye kuch bhi result a ra h....
Reply
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2 June at 16:56
Saurav Kumar Prabhat Puri system hi kharab kar di hai inhone...
Reply2 June at 17:16Edited
Bhavna Sapre Enke system ke karn lg ra h ache ache students ka back....
Reply
1
2 June at 17:12
Jimmy Jahirey Sahi bol rhe ho
Reply
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2 June at 17:24
Saurav Kumar Prabhat पूरी व्यवस्था में जंग लग चुकी है ।
Jimmy Jahirey Hm bhai
Priti Singh Kch standard h n hai..apna..😣😣😣
Reply
1
2 June at 17:29
Saurav Kumar Prabhat उनको अपना स्टैण्डर्ड दिखाना पड़ेगा तभी कुछ हो सकता है ।
Reply
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2 June at 20:52
Priti Singh Absolutely.... krna h hoga
Twinkal Vivhar Sahi hai sir
Reply
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2 June at 20:51
Saurav Kumar Prabhat आयुष में पढ़ने वाले सभी छात्रों की कहानी है ये ।
Sweety Rajwade sahi h university har chiz late se krta h or student ko jldi2 krvata h
पं. भूपेन्द्र त्रिपाठी सही इनके एग्जाम और रिजल्ट के लेटलतीफी के कारण कइयो स्टूडेंट का भविष्य खराब हुआ है और हो रहा है। 5 साल का bds 6 साल में हो रहा है एक्सटेंशन करें तो 6 से 7 साल के बीच मे।इसमे यूनिवर्सिटी को धयान देना पड़ेगा। ताकि किसी स्टूडेंट का भविष्य खराब ना हो। jai हिन्द
Rahul Netam Sahi h bhai band karwa dena chahiye aishe university ko to...
Kinshuk Shukla Waise results kb araha hi
Aditi AS bacj ki wajh se hospital posting krni pdti h aur rule k hisab se batch niklne k baad posting khi alow ni hai....aapka ager 3rd yr me ek sub back hai. aur nxt attemp me aap finl year de skte h clear kerke ..but apka bck aata h aur wo 3attemp k baad bhi ...See more
Nishtha Mishra Har jagah ki yahi kahani h 😓😨
Reply17 hrs

Comments

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